दिले-नादां तुझे हुआ क्या है - मिर्ज़ा ग़ालिब




दिले-नादां तुझे हुआ क्या है- मिर्ज़ा ग़ालिब

दिले-नादां तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है


हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार
या इलाही ये माजरा क्या है


मैं भी मूंह में ज़ुबान रखता हूं
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है


हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है


हां भला कर तेरा भला होगा
और दरवेश की सदा क्या है


जान तुम पर निसार करता हूं
मैं नहीं जानता दुआ क्या है


मैंने माना कि कुछ नहीं 'ग़ालिब'
मुफ़त हाथ आये तो बुरा क्या है

-ग़ालिब


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